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RTI बनाम DPDP: आम नागरिक के अधिकार बनाम डेटा सुरक्षा जानिए नया कानून?

RTI बनाम DPDP: सूचना या निजता? जानिए नया कानून?

भारत में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 लोकतंत्र का "दूसरा संविधान" कहा जाता था। लेकिन डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) अधिनियम 2023 के आने से अब लाखों RTI कार्यकर्ताओं के माथे पर चिंता की लकीरें हैं! क्या अब कोई भी सरकारी अधिकारी अपनी निजी जानकारी छुपा सकता है? क्या भ्रष्टाचार उजागर करना मुश्किल हो जाएगा? ये सवाल हर उस नागरिक के लिए महत्वपूर्ण हैं जो पारदर्शी शासन चाहते हैं।

🔹क्या है RTI Act?

RTI Act ( Right to Information Act / सूचना का अधिकार अधिनियम), 2005 भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक महत्वपूर्ण कानून है, जो भारत के प्रत्येक नागरिक को सरकारी विभागों से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है।

🔹 RTI Act का उद्देश्य:
  • इस कानून का मुख्य उद्देश्य है:
  • सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाना
  • भ्रष्टाचार को कम करना
  • नागरिकों को यह अधिकार देना कि वे जान सकें कि सरकार उनके लिए क्या और कैसे काम कर रही है।
🔹 RTI के तहत क्या जानकारी मांगी जा सकती है?
आप किसी भी सरकारी विभाग, मंत्रालय, पीएसयू, सरकारी स्कूल, कॉलेज, पंचायत, नगर निगम आदि से यह जानकारी मांग सकते हैं:
  • कोई निर्णय कैसे लिया गया?
  • किसी योजना में कितना पैसा खर्च हुआ?
  • सरकारी नौकरी में चयन प्रक्रिया कैसी थी?
  • कोई दस्तावेज़, फाइल नोटिंग, रिकॉर्ड आदि की कॉपी
🔹 क्या है DPDP Act? (डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम, 2023)
  DPDP Act का पूरा नाम है – Digital Personal Data Protection Act, 2023  यह भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक नया कानून है, जिसका उद्देश्य है:
 1. पर्सनल डेटा की सुरक्षा:
किसी व्यक्ति से जुड़ी पहचान योग्य जानकारी को संवेदनशील रूप से संभालने का प्रावधान है।
 2. डेटा लेने से पहले सहमति :
कोई भी संस्था आपकी स्पष्ट अनुमति के बिना आपका व्यक्तिगत डेटा नहीं ले सकती।
 3. डेटा प्रबंधन की पारदर्शिता:
कंपनियों को यह बताना होगा कि वे आपका डेटा क्यों ले रही हैं और कैसे इस्तेमाल करेंगी।
 4. डेटा सुधारने और हटाने का अधिकार:
आप अपने डेटा को देखने, संशोधित कराने और डिलीट करने का अधिकार रखते हैं।
 5. बच्चों का डेटा सुरक्षा:
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का डेटा विशेष सुरक्षा के तहत आता है। उनके डेटा पर पेरेंट्स की अनुमति जरूरी है।
 6. कॉल स्पैम पर रोक:

  अब कंपनियाँ बिना सहमति नंबर नहीं ले सकतीं

🔹 DPDP Act किन पर लागू होता है?
  • सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं पर जो भारत में नागरिकों का पर्सनल डेटा प्रोसेस करते हैं।
  • भारत के बाहर स्थित संस्थाएँ भी यदि भारतीयों का डेटा प्रोसेस कर रही हैं, तो इस कानून के तहत आएंगी।
 🔹DPDP Act में दंड (Penalties):
  कानून का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है:
उल्लंघन का प्रकार
अधिकतम जुर्माना
डेटा लीक या सुरक्षा में चूक
₹250 करोड़
सहमति के बिना डेटा उपयोग
₹200 करोड़
बच्चों के डेटा का दुरुपयोग
₹200 करोड़

 

 🔹RTI बनाम DPDP – तुलना तालिका
विशेषता
RTI Act 2005
DPDP Act 2023
उद्देश्य
पारदर्शिता और जवाबदेही
निजता और डेटा सुरक्षा
अधिकार
सरकारी जानकारी प्राप्त करने का
अपने डेटा पर नियंत्रण का
लागू कब हुआ
12 अक्टूबर 2005
11 अगस्त 2023
लागू किस पर
सभी सरकारी विभाग
सभी निजी/सरकारी निकाय
अपील
सूचना आयोग
डेटा संरक्षण बोर्ड
सार्वजनिक हित की भूमिका
अत्यधिक महत्वपूर्ण
गौण या नगण्य
 🔹RTI में DPDP के फायदे
लाभ
विवरण
 निजता की सुरक्षा
अब कोई भी आपकी व्यक्तिगत जानकारी RTI से नहीं निकाल सकता
 सरकारी कर्मचारियों को संरक्षण
अधिकारी अब अनावश्यक रूप से निशाना नहीं बनेंगे
 डिजिटल डेटा की सुरक्षा
हेल्थ, फाइनेंशियल और बायोमेट्रिक डाटा सुरक्षित रहेंगे
 ऑनलाइन धोखाधड़ी पर रोक
मोबाइल नंबर/ईमेल जैसे डाटा की सुरक्षा से धोखाधड़ी घटेगी
 🔹RTI में DPDP के नुकसान
नुकसान
विवरण
 पारदर्शिता में कमी
सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही घटेगी
 भ्रष्टाचार पर पर्दा
प्रमोशन/भर्ती में धांधली पकड़ना कठिन
 RTI कार्यकर्ताओं पर असर
RTI एक्टिविस्ट्स की जांच सीमित हो जाएगी
 लोकतांत्रिक मूल्य कमजोर
जनता की निगरानी करने की शक्ति कम होगी